अगर आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं तो अब सिर्फ B.Ed या D.El.Ed की डिग्री काफी नहीं है, बल्कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) पास करना भी जरूरी होगा। 2025 से लागू होने वाले इस बदलाव के बाद शिक्षक बनने की प्रक्रिया और कड़ी व पारदर्शी हो जाएगी, ताकि हर स्तर पर योग्य और प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्त किए जा सकें।
पहले यह परीक्षा सिर्फ कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों के लिए जरूरी थी, लेकिन नई योजना के तहत अब 9वीं से 12वीं के शिक्षकों के लिए भी अनिवार्य की जा सकती है। यहां तक कि नर्सरी और प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए भी इसे लागू करने पर विचार हो रहा है। यानी CTET अब चार लेवल पर होगा—प्री-प्राइमरी, प्राइमरी, अपर प्राइमरी और सेकेंडरी।
शिक्षक बनने की योग्यता
CTET देने के लिए आपके पास B.Ed, D.El.Ed या समकक्ष डिग्री होनी चाहिए। जो उम्मीदवार इन कोर्स के पहले या आखिरी साल में हैं, वे भी परीक्षा दे सकेंगे, लेकिन अंतिम पात्रता डिग्री पूरी होने के बाद ही मिलेगी। रेगुलर या ओपन यूनिवर्सिटी से की गई डिग्री की मान्यता भर्ती करने वाली संस्था तय करेगी, न कि CBSE।
नए नियम कब से लागू होंगे
NCTE और CBSE इस बदलाव पर काम कर रहे हैं। अनुमान है कि यह नियम 2025 या 2026 से लागू हो सकते हैं। संभव है कि अगले शैक्षणिक सत्र से ही इन्हें लागू कर दिया जाए, ताकि अभ्यर्थियों को तैयारी का समय मिल सके।
CTET पास करने के बाद अगला कदम
CTET पास करना केवल पात्रता की पहली सीढ़ी है। नौकरी के लिए आपको राज्य या केंद्र सरकार की भर्ती प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिसमें लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और दस्तावेज़ सत्यापन शामिल है।
बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी
सरकार का मानना है कि शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक सभी शिक्षकों के लिए समान पात्रता मानक होना जरूरी है। इससे शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और छात्रों को बेहतर व प्रशिक्षित शिक्षक मिलेंगे।
नोटिफिकेशन और तैयारी
CTET 2025 का आधिकारिक नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन वेबसाइट पर जरूरी गाइडलाइन उपलब्ध हैं। उम्मीदवारों को इन्हें ध्यान से पढ़कर ही आवेदन करना चाहिए, ताकि किसी तरह की गलती से बचा जा सके।